आखिर क्यों एलन मस्क के शांति प्रस्ताव पर भड़के जेलेंस्की, जानिए वजह
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यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की रूस के साथ शांति समझौता करने के एलन मस्क के प्रस्ताव पर भड़क गए हैं। ट्विटर के नए मालिक मस्क ने अपनी सोशल साइट पर एक सर्वे कराने के बाद यह पेशकश की थी। इस पर कड़ी नाराजगी प्रकट करते हुए जेलेंस्की ने मस्क को सलाह दी- ‘यूक्रेन आओ और देखो रूस ने कितनी तबाही मचाई है।’
एलन मस्क जब से ट्विटर के मालिक बने हैं वे लगातार किसी ने किसी मुद्दे पर सर्वे कराते रहते हैं। इस पर यूजर्स की राय के अनुसार अगले कदम का फैसला लेते हैं। लेकिन, यूक्रेन-रूस जंग खत्म करने को लेकर उनकी राय कड़ी आलोचना का सबब बन गई है।
युद्धग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करने का न्योता
मस्क की आलोचना करते हुए जेलेंस्की ने उन्हें यूक्रेन के युद्धग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करने का न्योता दे डाला। न्यूयॉर्क टाइम्स के ‘डीलबुक समिट’ कार्यक्रम में जेलेंस्की ने कहा कि उन्हें लगता है कि या तो मस्क पर किसी का प्रभाव है या वह खुद ही अपने मन से बोलते हैं।
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा कि यदि मस्क यह समझना चाहते हैं कि रूस ने क्या किया है तो यूक्रेन आएं और आकर देखें। उसके बाद ही बताएं कि जंग को कैसे खत्म करें? जंग किसने शुरू की, और यह कब खत्म की जा सकती है?
मस्क ने दिया था यह प्रस्ताव
अक्तूबर में मस्क ने रूस के कब्जे वाले यूक्रेनी क्षेत्रों में संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह कराने, क्रीमिया पर रूसी आधिपत्य को स्वीकार करने और यूक्रेन को शांति समझौते का प्रस्ताव देकर ट्विटर पर विवाद खड़ा कर दिया था। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ द्वारा बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति जेलेंस्की ने मस्क के प्रस्ताव का मजाक उड़ाते हुए कहा कि उन्हें यूक्रेन आना चाहिए।
जेलेंस्की ने ट्विटर पोल के साथ मस्क को जवाब दिया
जेलेंस्की ने स्वयं द्वारा कराए गए एक ट्विटर पोल के साथ मस्क को जवाब दिया है। इसमें पूछा गया कि ‘आपको कौन सा एलन मस्क अधिक पसंद है? यूक्रेन का समर्थन करने वाला या रूस का समर्थन करने वाला?’ इसके साथ ही जेलेंस्की ने साफ कहा कि जब तक पुतिन रूस के नेता बने रहेंगे, वे रूस के साथ कभी बातचीत नहीं करेंगे।
बता दें, रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला बोला था। नौ माह से ज्यादा समय से यह जंग जारी है। दोनों पक्षों को इसमें जानमाल की भारी तबाही झेलना पड़ रही है। पुतिन ने यूक्रेन द्वारा अपने विरोधी नाटो की सदस्यता लेने के प्रयासों के खिलाफ यह हमला बोला है।
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