उत्तराखंड में सरकारी डॉक्टरों ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा, 30 अगस्त से ओपीडी बहिष्कार की चेतावनी
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देहरादून। प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संघ ने डॉक्टरों की मांगों की अनदेखी किए जाने पर नाराजगी जताते हुए मंगलवार से काली फीती आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया है। 29 अगस्त तक मांगों पर कार्रवाई न होने पर 30 अगस्त से ओपीडी बहिष्कार की चेतावनी दी गई है। प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संघ के पदाधिकारियों की सोमवार को स्वास्थ्य महानिदेशालय में बैठक हुई। इस दौरान डॉक्टरों ने दुर्गम में जमे डॉक्टरों के सुगम में तबादला न होने के साथ ही कई अन्य मांगों पर कार्रवाई न होने पर नाराजगी जताई। बैठक के बाद डॉक्टरों की ओर से स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन भेजा गया जिसमें डॉक्टरों के ट्रांसफर तबादला एक्ट के अनुसार करने की मांग की गई है। इसके साथ ही डॉक्टरों ने पीजी डॉक्टरों की भांति यूजी डॉक्टरों को भी प्रोत्साहन भत्ता देने की मांग की। इसके साथ ही डॉक्टरों ने एसडीएसीपी की प्रक्रिया को आसान करने, पीजी अध्ययन कर रहे डॉक्टरों को वेतन देने, चारधाम यात्रा पर तैनात डॉक्टरों को एडवांस व अन्य सुविधाएं देने की मांग की। इसके साथ ही संघ ने सीनियर डॉक्टरों को जूनियर डॉक्टरों के अंडर तैनाती न देने की मांग की है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मनोज वर्मा ने कहा कि डॉक्टर लम्बे समय से सरकार के इन मांगों पर कार्रवाई करने का अनुरोध कर रहे हैं। लेकिन सरकार किसी भी मांग पर कार्रवाई करने को राजी नहीं है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की अनदेखी किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि मांगों पर कार्रवाई न होने के विरोध में स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर मंगलवार से काली फीती बांधकर काम करेंगे। यदि 29 अगस्त तक मांगों पर कार्रवाई नहीं होती तो 29 अगस्त को संघ की बैठक होगी जिसमें 30 अगस्त से ओपीडी बहिष्कार या संपूर्ण बहिष्कार का निर्णय लिया जाएगा।
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