कांवड़ यात्रा के जरिए रेखा आर्या ने लिया लैंगिक असमानता को दूर करने का संकल्प, 25 किलोमीटर की पैदल यात्रा के जरिए देंगी बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का संदेश
[ad_1]
देहरादून। कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि महिलाओं का देश की उन्नति में 20वीं सदी से ही एक बड़ा योगदान रहा है जो 21वी सदी में भी बढ़ता जा रहा है। आज प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं के योगदान का दायरा दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। महिलाऐं केवल घर की ही शान नही होती बल्कि देश की शान होती है जो लगातार अपने आप को सिद्ध करती जा रही हैं चाहे वो खेल, स्वास्थ्य, शिक्षा, औद्योगिक, सामाजिक, राजनैतिक, सेवा सहित कोई भी क्षेत्र हो। रेखा आर्या ने कहा कि मैं कह सकती हूॅ कि 21 वी सदी में महिलाओं के प्रति समाज का दृष्टिकोण भी बदल रहा है फिर भी मुझे लगता है कि हम 21वीं सदी में पहुंचे तो जरूर हैं लेकिन आज भी हमारे समाज में लडकियों के प्रति नजरिया नही बदला है और वह है लडके व लडकी को एक समान नजर से देखना,लडकियों को सही सम्मान देना ।
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि आज हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। आजादी का अमृत महोत्सव उन्नत भारत के 75 साल और इसकी संस्कृति, लोगों और उपलब्धियों के शानदार इतिहास का सम्मान और जश्न मनाने के लिए भारत सरकार की एक अनूठी पहल है। यह आजादी का अमृत महोत्सव माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने आधिकारिक तौर पर 12 मार्च 2021 को शुरू किया था। यह महोत्सव उन भारतीय लोगों को समर्पित है, जिन्होंने न केवल भारत को अपनी विकास यात्रा में आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और जो प्रधानमंत्री मोदी के एक भारत श्रेष्ट भारत के सपने को पूरा करने की क्षमता रखते हैं।
देवी की भूमि में नही होना चाहिए देवियों का अपमान-रेखा आर्या
रेखा आर्या ने कहा मैं आप सबसे यह भी कहना चाहूगी कि उत्तराखंड को देवभूमि कहते हैं, यहां के कण-कण में देवी-देवताओं का वास है। हमारे यहां जीवनदायिनी मॉं गंगा-यमुना,चंपावत में चम्पावती व दुर्गा मंदिर, हरिद्वार में चण्डी देवी व मनसा देवी मंदिर, टिहरी गढवाल में चन्द्रबदनी व कुजांपुरी देवी मंदिर सहित अनेकों देवियो के पौराणिक मंदिर हैं जिनकी अपनी मान्यताएं हैं जिनकी ख्याती देश -विदेश में है लेकिन यह सुनकर व जानकर बडा आश्चर्य होता है कि हमसब इन देवियों को तो पूजते हैं लेकिन जब हमारे घरों में इन्ही देवियों का जन्म होता है तो फिर क्यों हम मुहं फेर लेते हैं ।
राज्य की रजत जयंती पर लैंगिक असमानता को करेंगे खत्म-रेखा आर्या
एक गंभीर विषय के ऊपर बात करते हुए कहा कि लिंगानुपात के मामले उत्तराखंड की स्थिति पूर्व में कुछ खास उभरकर सामने नहीं आई थी लेकिन वर्तमान में प्रदेश में 1000 बालकों की तुलना में महज 949 बालिकाएं ही हैं। जबकि लिंगानुपात के मामले में राष्ट्रीय औसत 899 का है। यह एक बेहद ही चिंताजनक विषय है कि आखिर 21 वीं सदी में होते हुए और देवभूमि में रहते हुए भी हमारे प्रदेश में बालिकाओं का लिंगानुपात क्यों इतना कम है। हमारे समाज में बालिकाओं के प्रति रूढिवादी सोच बिल्कुल भी नही बदली है जिसे की बदले जाने की सख्त जरूरत है। ऐसे में मेरे द्वारा इस और एक कदम बढाया जा रहा है। मैं चाहती हूॅ की जब 2025 में हम रजत जंयती मना रहे हों तब हम इस लैंगिक असमानता को खत्म कर सकें। यह लैंगिक असमानता हमारी रूढिवादी सोच, बच्चियों को गर्भ में ही मार देना, लडको व लडकियों में भेदभाव के कारण ही उत्पन्न हुआ है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि 2025 में जब हम प्रदेश की रजत जंयती मना रहे होगें तब यह आकडा 1000 बालकों पर 1000 बालिकाओं का होगा। हमारे समाज में बेटियों को गर्भ में मार देने जैसी सोच है हमे इस संकल्प के जरिये इसी सोच को खत्म करना है कि चाहे बेटी हो लेकिन वह भी बेटो के बराबर का हकदार हैं।
26 जुलाई को निकलेगी कांवड़ यात्रा-रेखा आर्या
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और लैंगिक असमानता को खत्म करने को लेकर एक संकल्प लिया है कि सावन के इस पवित्र महिने में एक संदेश उन माता-पिता और समाज को दिया जाए जो लडकियों को लेकर इस तरह की सोच रखते हैं । आने वाली 26 जुलाई की तारीख हरिद्वार हर की पैडी से कांवड में जलभर कर ऋषिकेश स्थित पौराणिक वीरभद्र मंदिर में जलाभिषेक करने का निर्णय लिया हैं जो कि लगभग 25 किमी की पैदल यात्रा होगी। हर की पैड़ी पहुंचने का समय सुबह 6 बजे होगा, गंगा पूजा और महात्माओं के शंखनाद के साथ हर की पैड़ी पर गुरुजी श्री हरि गिरी जी महाराज, अवधेशानंद जी, राज राजेश्वरानंद जी, रामदेव जी, कैलाशानंद जी एवम जिले के संगठन, विधायक तथा सम्पूर्ण जूना अखाड़ा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ती उपस्थित रहेगें। साथ ही प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आंगनबाडी बहनें, खेल विभाग की छात्रांए रहेंगी। वहीं यात्रा का समापन ऋषिकेश स्थित वीरभद्र मंदिर में किया जाएगा।
भ्रूण का परीक्षण करने वालों पर कसा जाएगा शिकंजा
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा बेटियों को गृभ में ही मार देना या फिर भ्रूण का परीक्षण कराना एक दंडनीय अपराध है लेकिन फिर भी अमूमन यह देखने मे आया है कि इस तरह के कृत्य अभी भी चोरी छिपे कुछ पैथोलॉजी/नर्सिंग होम/अस्पताल करते हैं। मंत्री ने ये स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि जो भी व्यक्ति इस प्रकार के कृत्य करने वालों की सूचना विभाग को टोल फ्री नंबर 181 पर देंगे उनकी गोपनीयता को छुपाया जाएगा और ऐसे काम करने वालो पर सख्त कार्यवाही की जाएगी, साथ ही सूचना देने वालो को पारितोषिक दिया जाएगा। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने सभी से अपील करते हुए कहा कि मैं सभी माताओ, बहनों से यह अपील करती हू कि इस कार्यक्रम को सिर्फ एक दिन का ना समझे। यह आपके त्याय, बलिदान, सर्मपण और आपके हकों के लिए हैं। हमें इसके जरिए लैगिंक असमानता और रूढिवादिता की बेढियों को तोडना है। मैं सभी बहनों से इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अधिक से अधिक भागीदारी करने का आहवाहन करती हू।
[ad_2]
Source link