उत्तराखंड

कोरोना वायरस से डरें नहीं, अलर्ट रहें, सरकार ने अभी कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है, सावधानी बरतें, मास्क पहनें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें

देहरादून। राजकीय मेडिकल कॉलेज दून के बाद प्रदेश सरकार जल्द ही तीन और मेडिकल कॉलेजों में भी कोविड संक्रमित सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग लैब स्थापित करेगी। इसके लिए नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) दिल्ली से पंजीकरण की अनुमति मांगी है। इसके अलावा बूस्टर डोज लगाने के लिए केंद्र सरकार से तीन लाख कोविड वैक्सीन मांगी गई हैं।

स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत बोले कोरोना वायरस से डरें नहीं, अलर्ट रहें,
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों की वर्चुअल बैठक हुई, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने राज्य की स्वास्थ्य तैयारियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कोरोना की जांच के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट बढ़ाने के साथ ही चारों मेडिकल कॉलेजों में जीनोम सीक्वेंसिंग लैब की स्थापना की जा चुकी हैं। दून मेडिकल कॉलेज में जीनोम सीक्वेंसिंग जांच की जा रही है। सरकार ने बूस्टर डोज लगाने के लिए अभियान चलाया है। इसके लिए राज्य को तीन लाख बूस्टर डोज उपलब्ध कराई जाएं। राज्य में 12 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों को कोरोना से बचाव को प्रथम व द्वितीय डोज शत-प्रतिशत लगाई जा चुकी है। 25 प्रतिशत लोग बूस्टर डोज ले चुके हैं। सभी नागरिकों को बूस्टर डोज लगाई जा सके, इसके लिए तीन लाख डोज की मांग केंद्र सरकार से की गई है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के हिसाब से अब तक 3,64,914 को ही बूस्टर डोज लगी है। 7,63,495 लाभार्थी अब भी इससे वंचित हैं। विराट लक्ष्य को हासिल करने के लिए स्वास्थ्य विभाग व्यापक स्तर पर टीकाकरण अभियान चलाने की तैयारी में है। बूस्टर डोज लगाने का अभियान भी शुरू कर दिया गया है।

स्वास्थ्य सचिव बोले कोविड गाइडलाइन को लेकर अफवाह न फैलायें
केंद्र सरकार ने भी सभी राज्यों को इस सबको देखते हुए एहतियात बरतने की सलाह दी है। इस क्रम में उत्तराखंड में भी सरकार सतर्क हो गई है। शासन ने कोरोना की रोकथाम के दृष्टिगत सभी जिलों को दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। स्वास्थ्य सचिव डा आर राजेश कुमार ने इंटरनेट मीडिया में चल रही उस चर्चा को निराधार बताया है, जिसमें उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों के लिए आरटीपीसीआर अनिवार्य करने की बात कही गई है। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि ऐसी कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। राज्य में आने वाले यात्रियों के लिए वर्तमान में कोविड जांच की कोई बाध्यता नहीं है। यद्यपि, किसी यात्री में कोरोना के लक्ष्य होने पर नजदीकी स्वास्थ्य सेवा केंद्र में संपर्क करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पर्यटकों को घबराने व डरने की कोई जरूरत नहीं है। राज्य में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और पर्यटक बिना रोक-टोक के यात्रा कर सकते हैं। सचिव स्वास्थ्य डा आर राजेश कुमार के अनुसार कोरोना से बचाव के लिए सावधानी बरतना आवश्यक है। इसे देखते हुए सभी जिलों में स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की टीमें आमजन को मास्क पहनने और कोविड सम्यक व्यवहार के अनुपालन को जागरूक करने को अभियान चला रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने टीकाकरण पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है।

अन्य देशों में बढ़ते कोरोना संक्रमण ने चिंता बढ़ा दी
स्वास्थ्य सचिव के अनुसार आमजन को बूस्टर डोज लगवाने को प्रेरित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसके लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण उत्तराखंड में हर साल ही बड़ी संख्या में सैलानी यहां का रुख करते हैं। वर्तमान में भी क्रिसमस और न्यू इयर ईव के लिए मसूरी, नैनीताल समेत सभी प्रमुख स्थलों में होटल, रिसार्ट और विश्राम गृह बुक हो चुके हैं। इस बीच चीन, अमेरिका समेत अन्य देशों में बढ़ते कोरोना संक्रमण ने चिंता बढ़ा दी है।

प्रथम व द्वितीय डोज शत-प्रतिशत
कोरोना से बचाव के लिए प्रथम व द्वितीय डोज शत-प्रतिशत लग चुकी हैं। अब बूस्टर डोज लगवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसे अभियान के तौर पर चलाने के निर्देश दिए गए हैं।

एयरपोर्ट व सीमा पर अभी नहीं होगी सैंपलिंग
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि राज्य के एयरपोर्ट और सीमाओं पर अभी किसी भी प्रकार की सैंपलिंग के आदेश नहीं दिए गए हैं। सभी कुछ पूर्व की भांति चलता रहेगा। उन्होंने कहा कि यात्री किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें। राज्य में कोविड को लेकर स्थित पूरी तरह नियंत्रण में है।राज्य के पास दवाओं से लेकर सभी संसाधन पूरे हैं। हम केंद्र सरकार की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ रहे हैं।

मेडिकल कॉलेजों की लैब में प्रतिदिन 11 हजार आरटीपीसीआर जांच की क्षमता
राज्य के मेडिकल कॉलेजों देहरादून, श्रीनगर, हल्द्वानी व अल्मोड़ा में प्रतिदिन 11 हजार से अधिक आरटीपीसीआर टेस्टिंग की क्षमता है जबकि इन मेडिकल कॉलेजों में स्थापित जीनोम सीक्वेंसिंग लैब में प्रतिमाह दो हजार से अधिक जीनोम सीक्वेसिंग की क्षमता है। वर्तमान में दून मेडिकल कॉलेज में संक्रमित सैंपलों की जीनोम सीक्वेसिंग की जा रही है। हल्द्वानी, अल्मोड़ा व श्रीनगर मेडिकल कॉलेजों मेें पंजीकरण के लिए एनसीडीसी से अनुमति के बाद जल्द जीनोम सीक्वेंसिंग लैब शुरू की जाएगी।

स्वास्थ्य विभाग के पास 22428 ऑक्सीजन सिलिंडर
कोरोना की तीसरी लहर के लिए सरकार ने चिकित्सा उपकरणों का इंतजाम किया था। वर्तमान में राज्य में कुल 22428 ऑक्सीजन सिलिंडर, 9743 आक्सीजन कॅन्सेनट्रेटर, 86 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट चालू हालत में। इसके अलावा सरकारी अस्पतालों में 762 आईसीयू बेड, 8189 ऑक्सीजन सपोर्ट बेड, 1032 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। 11 सरकारी पैथोलॉजी लैब में प्रतिदिन लगभग 15 हजार आरटीपीसीआर जांच की सुविधा उपलब्ध है।

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