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दिल्ली में लाइसेंस जारी होने के बाद भी नहीं खुल पाई 200 शराब की दुकानें

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राजधानी दिल्ली में आबकारी नीति के तहत लाइसेंस जारी होने के बाद भी करीब 200 शराब की दुकानें खुल नहीं पाई हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में वेंडर आर्थिक नुकसान का हवाला देकर लाइसेंस सरेंडर कर रहे हैं। सरकार ने वेंडरों की परेशानी को देखते हुए वित्तीय वर्ष 2022-23 की आबकारी नीति में कुछ बदलाव किए जाने का प्रस्ताव रखा है, जिसे अभी उपराज्यपाल की मंजूरी मिलनी बाकी है। इसके बाद एक जुलाई से नई आबकारी लागू की जानी है।

उधर, गर्मी के बीच शराब की दुकानों पर बीयर के साथ कई प्रमुख ब्रांड की शराब का टोटा है। वेंडर्स का कहना है कि राजस्थान और यूपी की तरफ से बीयर की सीमित सप्लाई की जा रही है, जबकि गर्मी के दिनों में बीयर की बिक्री सबसे ज्यादा होती है। आबकारी नीति 2021-22 के तहत राजधानी के 272 वार्ड को 31 जोन में बांटा गया था, जिसमें प्रत्येक वार्ड के अंदर अनिवार्य तौर पर तीन दुकानें खोलने जाने का प्रावधान रखा था। इसी के चलते राजधानी में 849 दुकानें खोली जानी थी। 17 नवंबर 2021 को नई आबकारी नीति को लागू किया।

उसके बाद से अभी तक करीब 670 दुकानों को लाइसेंस दिया जा चुका है, लेकिन करीब 200 दुकानें अभी तक खुल नहीं पाई हैं। इसमें करीब 30 से अधिक दुकानों को नक्शे के विपरीत मानते हुए नगर निगम की तरफ से सील कर दिया गया, जबकि कुछ जगहों पर स्थानीय लोगों ने शराब की दुकान को लेकर विरोध किया। कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडिया अल्कोहल बेवरेज कंपनी के निदेशक जनरल विनोद गिरी का कहना है कि विरोध के चलते बड़ी संख्या में दुकानें नहीं खुल पाई हैं। कुछ दुकानें खुलीं तो उन्हें निगम ने सील कर दिया। इसके चलते वेंडरों का आर्थिक नुकसान हुआ है, जिस कारण 200 लोगों ने लाइसेंस सरेंडर किया है। अभी करीब 465 दुकानें ही खुली हैं।



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