फूलों की घाटी में इस बार अधिक मात्रा में खिला है पेडीकुलेरिस (हल्दीय फूल), जानिए क्यों है यह फूल खास
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चमोली। विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी में इन दिनों विभिन्न प्रजाति के फूल अपनी रंगत बिखेर रहे हैं। इन दिनों घाटी में पेडीकुलेरिस (हल्दीय फूल) अधिक मात्रा में खिला हुआ है। गत वर्षों तक बेहद कम मात्रा में खिलने वाला यह फूल इस बार घाटी के गेट से लेकर पुष्पावती नदी के किनारे तक अपनी खुशबू बिखेर रहा है।
यह फूल औषधीय गुणों से भी भरपूर है। फूलों की घाटी में 300 से अधिक प्रजाति के फूल खिलते हैं। इन दिनों देशी-विदेशी पर्यटक घाटी के सैर-सपाटे पर पहुंच रहे हैं। इस बार घाटी में पर्यटकों को सबसे ज्यादा कोई आकर्षित कर रहा है तो वह है पेडीकुलेरिस (हल्दीय फूल)।
यह फूल घाटी में दूर-दूर तक फैला है। स्थानीय गाइड चंद्रशेखर चौहान ने बताया कि पिछले वर्षों की तुलना में इस बार यह फूल अधिक संख्या में खिला है। पर्यटक इस फूल को देख अभिभूत हो रहे हैं। यह फूल घाटी के गेट से ही खिला हुआ है।
वनस्पति शास्त्री डा. विनय नौटियाल का कहना है कि यह एक औषधीय पौधा है। इसका उपयोग बुखार और इनफेक्शन रोकने में लाभदायक है। उन्होंने बताया कि फूलों की घाटी में इस वर्ष इस पौधे के सबसे अधिक खिलने की वजह यह है कि पिछले दो सालों से घाटी में सीमित संख्या में पर्यटकों की आवाजाही हुई।
यह छोटा पौधा होता है और अधिक मात्रा में आवाजाही होने पर यह पैरों से कुचल जाता है जिस कारण यह पनप नहीं पाता है। इसी वजह से इस बार घाटी में यह अधिक मात्रा में खिला है।
फूलों की घाटी के दीदार के लिए लगातार पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो रहा है। मंगलवार को 386 पर्यटकों ने घाटी में प्रवेश किया। घाटी में इन दिनों पल-पल मौसम बदल रहा है। बारिश से घाटी में उच्च हिमालयी क्षेत्रों की तलहटी में दूर-दूर तक बुग्याल फैले हुए हैं।
फूलों की घाटी की वन क्षेत्राधिकारी चेतना कांडपाल ने बताया कि फूलों की घाटी में अभी तक 5000 से अधिक पर्यटक सैर-सपाटे पर पहुंचे हैं। घाटी को जाने वाले रास्ते का भी सुधारीकरण कार्य हो गया है। पर्यटक दिनभर घाटी में घूमने के बाद रात्रि विश्राम के लिए मुख्य यात्रा पड़ाव घांघरिया पहुंच रहे हैं।
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