उत्तराखंड

मौसम में ठंडक के बावजूद भी डेंगू फैलाने वाले मच्छर की सक्रियता नहीं हो रही कम, देहरादून में नौ नए मामले आए सामने

देहरादून। मौसम में ठंडक के बावजूद डेंगू फैलाने वाले मच्छर की सक्रियता कम नहीं हो रही है। अक्टूबर बीतने को है, पर मरीजों का ग्राफ कम नहीं हो रहा है। बुधवार को भी प्रदेश में 37 लोग डेंगू पीड़ि‍त मिले हैं। इनमें सबसे अधिक 12 मामले पौड़ी जिले में आए हैं। जबकि देहरादून व हरिद्वार में नौ-नौ, नैनीताल में छह और ऊधमसिंह नगर में एक व्यक्ति डेंगू पीड़ि‍त मिला। राज्य में इस साल डेंगू के 1755 मामले मिल चुके हैं। इनमें भी सबसे अधिक 1230 लोग देहरादून जिले में डेंगू की चपेट में आए हैं। हरिद्वार में 247, पौड़ी में 150, नैनीताल में 72 व ऊधमसिंह नगर में 14 लोग में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। अच्छी बात यह है कि डेंगू के अधिकांश मरीज ठीक हो चुके हैं। जो वर्तमान में डेंगू पीड़ि‍त हैं, उनकी स्थिति भी ठीक है। उधर, स्वास्थ्य विभाग भी लगातार दावा कर रहा है कि जिन क्षेत्रों में डेंगू के मामले मिल रहे हैं वहां पर सघन फागिंग व दवा का छिड़काव किया जा रहा है। प्रदेश में कोरोना के 13 मामले आए हैं। देहरादून में चार, हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर में तीन-तीन, नैनीताल में दो व अल्मोड़ा में एक व्यक्ति संक्रमित मिला है। जबकि आठ जिलों में कोरोना का नया मामला नहीं मिला है। इधर, 11 मरीज स्वस्थ भी हुए हैं। वहीं, संक्रमण दर 1.55 प्रतिशत रही है। प्रदेश में फिलहाल कोरोना के 58 सक्रिय मामले हैं। देहरादून में सबसे ज्यादा 28 और हरिद्वार में दस सक्रिय मामले हैं।

दीपावली को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग भी सतर्क

दीपावली पर पटाखों से होने वाले हादसों से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। पटाखों से झुलसे घायलों के इलाज के लिए चिकित्सकों की विशेष टीमें गठित की गई हैं। जिला चिकित्सालय (कोरोनेशन व गांधी शताब्दी) सहित रायपुर व प्रेमनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में व्यवस्था चाकचौबंद की जा रही है। आपातकालीन सेवा 108 के कर्मचारियों को भी सतर्क रहने के निर्देश जारी किए गए हैं। दीपावली पर पटाखों से कई लोग झुलस जाते हैं। फुलझड़ी या फिर पटाखा छुड़ाते समय हादसा होने से आंखों को भी भारी नुकसान पहुंचता है। हर साल पूरे राज्य में बड़ी संख्या में लोग झुलसकर घायल होते हैं। स्वास्थ्य महानिदेशालय के निर्देशानुसार अस्पतालों में इलाज के पुख्ता इंतजाम किए गए हैैं। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. मनोज उप्रेती के अनुसार चिकित्सकों व स्टाफ को अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है। किसी भी चिकित्सक या कर्मचारी को अपरिहार्य कारणों के अलावा छुट्टी नही दी जाएगी।

 

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