उत्तराखंड

उत्तराखंड राज्य ने 22 वर्षों की यात्रा में हासिल किए उपलब्धियों के कई मुकाम, अब मिशन 2025 में जुटे हैं सीएम धामी

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देहरादून। उत्तराखंड राज्य ने 22 वर्षों की यात्रा में उपलब्धियों के कई मुकाम हासिल किए। जानकारों का मानना है कि कुदरत साथ देती तो तरक्की की मंजिलें और करीब होतीं। जब-जब उत्तराखंड ने विकास की रफ्तार पकड़ी आपदाओं ने कभी उसे पूरी तरह से थाम दिया तो कभी धीमा कर दिया। फिर भी आय के सीमित संसाधनों और कोरोना महामारी की चुनौती के बावजूद राज्य ने तरक्की के कई मुकाम हासिल किए। 

इन 22 सालों में राज्य ने काफी कुछ पाया, लेकिन अभी बहुत कुछ हासिल करना बाकी है। राज्य गठन से लेकर अब तक दर्जनों प्राकृतिक आपदाओं ने विकास की गति को प्रभावित किया। 2013 की महाप्रलय ने तो राज्य अर्थव्यवस्था की कमर ही तोड़ दी। 14 हजार करोड़ से अधिक की परिसंपत्तियों का नुकसान हुआ। तत्कालीन केंद्र सरकार ने 7 हजार करोड़ रुपये से अधिक का विशेष आर्थिक पैकेज दिया।

जैसे-तैसे राज्य खड़ा हुआ। आगे बढ़ा और रफ्तार पकड़ी तो कोविड-19 महामारी आ धमकी। कोरोना से राज्य की अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान हुआ। राज्य की जीडीपी शून्य से नीचे चली गई। राज्य अर्थव्यवस्था की रीढ़ पर्यटन कारोबार की कमर टूट गई। इन महामारी से उत्तराखंड अब उबर चुका है।

युवा मुख्यमंत्री धामी 2025 तक राज्य को देश के अग्रणी राज्यों की पंक्ति में खड़ा होने का सपना दिखा रहे हैं, लेकिन राज्य के सामने आज सबसे बड़ी चुनौती आर्थिक संसाधनों की है। यही वजह है कि सरकार का अब पूरा फोकस अपनी आय बढ़ाने पर है। सरकार इसके लिए पहली बार विशेषज्ञों की राय लेने जा रही है। अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन कहते हैं, सरकार प्रयास कर रही है कि जनता पर बोझ डाले बगैर आय में बढ़ोतरी हो।



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