उत्तराखंड

बीकेटीसी अध्यक्ष अजय अजेंद्र बोले, मुझे हटाने के लिए दी जा रही सुपारी

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– कुछ लोगों को रास नहीं आ रहे सुधारात्मक प्रयास

– पारदर्शिता और विकास कार्यों को देंगे प्राथमिकता

देहरादून। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति में इन दिनों अंदरूनी जंग छिड़ी हुई है। यह जंग समिति पर वर्चस्व के लिए है। एक ओर मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए कृतसंकल्पित हैं तो दूसरी ओर व्यवस्था में बदलाव के विरोधी धड़ा उनके कार्यों में रोड़ा अटका रहा है। समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय का कहना है कि वह समिति को चुस्त-दुरस्त और जवाबदेह बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। उनके इस प्रयास का विरोध हो रहा है और कुछ लोगों ने तो उनको पद से हटाने के लिए सुपारी तक दे दी है।

इस बार चारधाम यात्रा में 211 करोड़ रुपये की आय होने का अनुमान है। बीकेटीसी की आय में भी इस बार काफी इजाफा हुआ है। इसका एक कारण पारदर्शी व्यवस्था को भी माना जा रहा है। बीकेटीसी में सुधार की कवायद की जा रही है। खर्च कम करने के लिए देहरादून स्थित कैंप कार्यालय को बंद कर दिया गया है जबकि ़़ऋषिकेश स्थित प्रचार कार्यालय को भी बंद किया गया है। इसके अलावा बर्षों से एक ही जगह जमे कर्मचारियों का भी तबादला किया गया है।
बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय का कहना है कि समिति का गठन अंग्रेजों के जमाने में 1939 को हुआ। पिछले 83 वर्ष से कर्मचारियों और अधिकारियों की बदली नहीं हुई। यानी जिस कर्मचारी की नियुक्ति जहां हुई, वह उसी जगह से रिटायर हो गया। अजेंद्र के मुताबिक इससे सिस्टम में जड़ता आ गयी थी और इसे दूर करने के लिए उन्होंने कुछ कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादले कर दिये।

इन सुधारात्मक प्रयासों का समिति के अंदर ही अजेंद्र अजय का विरोध शुरू हो गया। अध्यक्ष अजेंद्र के मुताबिक उनको पद से हटाने के लिए कुछ लोगों ने सुपारी दी है। उनका आरोप है कि विरोध कर रहे लोग समिति पर अपना वर्चस्व बनाये रखना चाहते थे और उनका निजी स्वार्थ जुड़ा हुआ था। वित्तीय अनियमितताओं की भी शिकायत थी। ऐसे में अब इनकी जांच की जा रही है। उनका कहना है कि वह समिति को पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी से चलाना चाहते हैं। इसके लिए सरकार से बात की है कि मंदिर समिति के आय और व्यय के लिए फाइनेंस कंट्रोलर की तैनाती की जाए। उनके अनुसार जल्द ही बीकेटीसी के लिए फाइनेंस कंट्रोलर भी मिल जाएगा।



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