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यमुनानगर जिले के साढौरा में जानकी जी ग्लोबल पब्लिक स्कूल मारवा कलां की स्कूल बस हुई हादसे का शिकार, 22 बच्चे हुए घायल

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हरियाणा। यमुनानगर जिले के साढौरा में काला आंब रोड पर ईदगाह के नजदीक आज सुबह जानकी जी ग्लोबल पब्लिक स्कूल मारवा कलां की स्कूल बस हादसे का शिकार हो गई। स्कूल बस ईदगाह के सामने सामने से आ रहे ट्रक से टकरा गई। हादसे में स्कूल के 22 बच्चे व एक महिला केयर टेकर घायल हो गए। घायल बच्चों को सीएचसी में भर्ती कराया गया। राहत की बात यह है कि किसी भी बच्चे को गंभीर चोट नहीं लगी। बच्चों के परिजनों ने स्कूल पर गंभीर आरोप लगाए और रोष व्यक्त किया। लोगों ने आरोप लगाया कि स्कूल बस के चालक की लापरवाही से हादसा हुआ। वह तेज गति से चल रहा था और कोहरे में भारी वाहनों को ओवरटेक कर रहा था। जिस कारण बस सामने से आ रहे ट्रक से टकरा गई। थाना साढौरा पुलिस मामले की जांच कर रही है।

खंड बिलासपुर के गांव मारवा कलां स्थित जानकी जी ग्लोबल पब्लिक स्कूल में साढौरा क्षेत्र से भी काफी संख्या में बच्चे पढ़ने आते हैं। बच्चों को लाने के लिए रोजाना की तरह स्कूल बस गई थी। स्कूल में लाहड़पुर, साढौरा समेत कई गांवों के बच्चे सवार थे। बस का चालक जब काला आंब की तरफ से बस में बच्चों को लेकर लौट रहा था तो वह साढौरा में ईदगाह के पास आगे चल रहे वाहन को ओवरटेक करने लगा। तभी सामने से ट्रक आ गया और बस की सीधी टक्कर हो गई। हादसे के बाद बस में सवार बच्चों ने चीखना चिल्लाना शुरू कर दिया। घायल बच्चों को एंबुलेंस के अलावा रहागीरों ने अपने वाहनों में अस्पताल पहुंचाया। टक्कर से बस का अगला हिस्सा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। वहीं हादसे के बाद ठंड से बच्चों का बुरा हाल था।

हादसे की सूचना पाते ही स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के परिजन भी साढौरा सीएचसी में पहुंच गए। कुछ ही देर में स्कूल की प्रिंसिपल अंजू गोस्वामी भी वहां पहुंच गईं। तभी परिजनों ने प्रिंसिपल का घेराव कर दिया। गांव लाहड़पुर के निवासी हरभजन सिंह, महमदपुर के पंकज, रामेश्वर ने आरोप लगाया कि यह हादसा स्कूल की लापरवाही से हुआ। स्कूल द्वारा समय पर बसों की पासिंग व जांच नहीं कराई जाती। स्कूल का ड्राइवर सुबह देरी से आता है और बच्चों को समय पर स्कूल पहुंचाने के लिए रोजाना तेज गति से बस चलाता है। इसलिए यह हादसा चालक की लापरवाही व स्कूल की नाकामी की वजह से हुआ है। परिजनों ने कहा कि सुबह से इतना घना कोहरा छा रहा है कि सामने कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा। ऐसे में बस का चालक ओवरटेक कर रहा है।

हादसे के बाद जैसे ही बच्चों को सीएचसी साढौरा में ले जाया गया तो ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर से लेकर चतुर्थ श्रेणी तक का स्टाफ बच्चों की देखभाल व मरहम पट्टी में जुट गया। परंतु अस्पताल में एक महिला कर्मचारी ऐसी भी थीं जो अपने केबिन से बाहर तक नहीं निकली। इधर, बच्चे दर्द से कराह रहे थे और वह अपने मोबाइल में व्यस्त थीं। लोगों ने जब मोबाइल में व्यस्त देखा तो खूब खरी खोटी सुनाई।



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