उत्तराखंड

स्विट्जरलैंड के साथ ही मसूरी में भी दिखता है यह अद्भुत नजारा

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देहरादून। पहाडों की रानी मसूरी के मालरोड से दूनघाटी के ऊपर दिखने वाली सीधी लाल पीली रेखा को ही विंटर लाइन कहा जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार धरती से उठने वाले धूलकण की वजह से यह लाइन बनती है और यह नजारा विश्व में स्विट्जरलैंड के अलावा केवल मसूरी में ही देखने को मिलता है। वैसे तो वर्षभर मसूरी पर्यटकों से खचाखच भरा रहता है। लेकिन सर्दियों के मौसम में दो चीजें पर्यटकों को खासा आकर्षित करती हैं। पहली विंटरलाइन और दूसरी बर्फबारी। इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए दुनियाभर से लोग मसूरी पहुंचते हैं। उनमें भी दिल्‍ली के पर्यटकों की संख्‍या सबसे ज्‍यादा होती है। मसूरी अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए दुनियाभर में अगल पहचान रखता है, लेकिन विंटरलाइन की वजह से भी दिसंबर माह में यहां पर्यटक पहुंचते हैं। यह इस लंबी पीली और लाल लाइन को देखने के लिए देश विदेश से पर्यटक यहां आते हैं। यह नजारा विश्व में स्विट्जरलैंड के अलावा केवल मसूरी में ही देखने को मिलता है।

क्‍या होती है विंटरलाइन और कैसे बनती है?

मालरोड से दूनघाटी के ऊपर सीधी लाल और पीली रेखा देखी जाती है, इसे ही विंटर लाइन कहा जाता है।

हर वर्ष इसे देखने के लिए बड़ी संख्‍या में पर्यटक मसूरी आते हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार धरती से उठने वाले धूलकण की वजह से यह लाइन बनती है।

जब इस लाइन पर सूर्य की किरणें पड़ती हैं तो वह चमक उठती है।

यह रेखा अक्टूबर महीने के अंत से जनवरी तक मसूरी से देहरादून घाटी की ओर देखी जा सकती है।

मसूरी में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी दूनघाटी के ऊपर विंटर लाइन दिख रही है। बड़ी संख्या में लोग इसे देखने को पहुंच रहे हैं। अगर आप भी विंटर लाइन का अनोखा नजारा अपनी नजरों में कैद करना चाहते हैं तो मसूरी का रुख कीजिए।

वहीं मसूरी में 26 से 30 दिसंबर तक विंटरलाइन कार्निवाल का आयोजन किया जा रहा है।

यह आयोजन भी हर वर्ष होता है।

इसे लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं।

कार्निवाल का उद्घाटन 26 दिसंबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे।

कार्निवाल में स्थानीय कलाकार, प्रदेश की संस्कृति और कला से रूबरू कराएंगे और अन्य भी कई आकर्षण होंगे।

कार्निवाल में एक दिवसीय फूड फेस्टिवल का भी आयोजन होगा।

मसूरी एक हिल स्टेशन है। जो वायु और रेलमार्ग के जरिए नहीं जुड़ा है। यहां पहुंचने के लिए आपको सड़कमार्ग का सहारा लेना होगा। पहले आपको हवाई, रेलमार्ग या सड़क मार्ग से देहरादून तक आना होगा। मसूरी से सबसे नजदीक देहरादून का जौलीग्रांट हवाई अड्डा है। देहरादून देश के अधिकतर शहरों से हवाई मार्ग के जरिए जुड़ा है। आप देहरादून तक की फ्लाइट पकड़ सकते हैं। इसके आगे का सफर आप टैक्‍सी, बस या अपने वाहन से कर सकते हैं। देहरादून से मसूरी जाने के लिए नियमित बस सेवा उपलब्ध है। दिल्ली से मसूरी पहुंचने के लिए आप शताब्दी ट्रेन पकड़ सकते हैं। दिल्ली से देहरादून के लिए कई खास ट्रेन भी चलती हैं। जैसे मसूरी एक्सप्रेस और निजामुद्दीन एसी स्पेशल आदि। ये देहरादून उतारती हैं।



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