उत्तराखंड

फूड सेफ्टी कनेक्ट एप पर करें मिलावटखोरी से जुड़ी शिकायत

विभाग की ओर से जल्द प्रकाशित की जाएगी खाद्य सुरक्षा की कसौटी पुस्तक

वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे पर खाद्य कारोबारियों, मीडिया व विषय विशेषज्ञों के साथ खाद्य सुरक्षा संवाद आयोजित किया

खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन(एफडीए) एवं पीआरएसआई के तत्वावधान में आयोजित हुआ कार्यक्रम

देहरादून।  खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन(एफडीए) की ओर से विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर खाद्य कारोबारियों, मीडिया व विषय विशेषज्ञों के साथ खाद्य सुरक्षा संवाद आयोजित किया गया। सुभाष रोड स्थित होटल में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन(एफडीए) के अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी व अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर अपर आयुक्त ने कहा कि संतुलित व सुरक्षित आहार ही स्वस्थ रहने का आधार है। जिसके लिए विभाग पूरे प्रयास कर रहा है। चारधाम यात्रा मार्गों व पर्यटन केन्द्रों पर विशेष अभियान चलाकर मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचने वालों पर नकेल कसी जा रही है। विगत पांच महीनों में ही जनवरी 2024 से मई 2024 तक 1763 नमूने लिये जा चुके हैं। जांच में दोषी पाये जाने वालों के विरूद्व विभागीय कार्रवाई के साथ ही मुकदमे दर्ज किये जा चुके हैं। किसी भी तरह की समस्या या शिकायत के लिए विभागीय टोल फ्री नम्बर 180018004246 पर जानकारी देने की बात कही।

राज्य में खाद्य अपमिश्रण पर अंकुश लगाने हेतु मानव संसाधन जैसे कि खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की कमी को जल्दी दूर कर लिया जायेगा। इस हेतु 25 खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के चयन हेतु लोक सेवा आयोग को अधियाचन भेजा गया है। लोक सेवा आयोग से चयन होने तक प्रतिनियुक्ति पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी तैनात किये जाने की प्रक्रिया गतिमान है। राज्य के प्रवर्तन/सर्विलान्स की कार्यवाही में तेजी लायी जा रही है। खाद्य उपभोक्ताओं को अपमिश्रण के प्रति जागरूक किये जाने हेतु प्रशिक्षण व त्वरित जॉच हेतु 03 सचल खाद्य विश्लेषणशालाओं के माध्यम से निगरानी नमूने जॉच किये जा रहे है। खाद्य करोबारकर्ताओ को खाद्य नियमों की जानकारी, स्वच्छता सम्बन्धी मानकों हेतु जागृत करने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है। 2000 स्ट्रीट वेन्डरों को राज्य के विभिन्न जनपदों में प्रशिक्षित किया जा चुका है।

अपमिश्रण सम्बन्धी अपराध का पता लगाने व अपराधी को पकड़वाने में मदद करने हेतु जल्द ही राज्य खाद्य सुरक्षा अधिनियम के नियमों के तहत विधि व निधि निर्धारित करने हेतु प्रयासरत है। बताया कि खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन द्वारा जल्द ही सर्विलान्स की कार्यवाही करेगा, जिसमें फल (आम, केला आदि), मसाले, दूध व खाद्य तेल प्रमुख है। उन्होंने कहा कि राज्य में विद्यमान खाद्य निर्माण इकाईयों का रिस्क बेस निरीक्षण किये जायेगे। दुग्ध उत्पदों, खाद्य तेल, मसाले निर्माण इकाईयों का समय-समय पर निरीक्षण कर नियमों के उल्लंघन पर दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।

एम्स ऋषिकेश के कम्युनिटी मेडिसीन विभाग से डॉ संतोष ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि हम फूड पेंडेमिक के दौर में जाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि अगर हम खाने को दवा की तरह लेना पसंद करेंगे तो हो सकता है कि आने वाले दिनों में दवा लेने की जरूरत न पड़े। उन्होंने कहा कि जब भी हम खानपान की बात करते हैं तो यह हमारी जिम्मेदारी और यह हमें तय करना है कि हमारे शरीर के लिए क्या सही है। उन्होंने कहा कि हम लोग भोजन के बजाए स्वाद को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं और यही स्वाद हम सबको बर्बाद कर रहा है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए जिम नहीं, अच्छी किचन जरूरी है। उचित खानपान के बिना, जिम भी कुछ नही कर सकता। उन्होंने कहा कि नशे की लत की भांति जंक फूड का भी एडिक्शन लोगों में होता जा रहा है, जिसे अभी सब नजरअंदाज कर रहे हैं। इस फूड एडिक्शन के कारण ही आज तमाम लोग हृदयाघात, हाइपरटेंशन, ओबेसिटी जैसी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि खाने से पहले जरूर सोचें, नहीं तो अनएक्सपेक्टेड के लिए तैयार रहिए।

पीआरएसआई के देहरादून चैप्टर के अध्यक्ष व सूचना एवं लोक संपर्क विभाग में उपनिदेशक रवि बिजरानिया ने कहा कि आज सुरक्षित खानपान के बारे में चर्चा बहुत आवश्यक है। इस विषय पर अधिक से अधिक जनजागरूकता फैलाने की भी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सही खानपान के लिए सावधानी जरूरी है और हमें बहुत ज्यादा स्वाद के लालच से भी बचना होगा। लोगों को फूड सेफ्टी पर जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म का उपयोग किया जा सकता है।

इस अवसर पर खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के उपायुक्त गणेश चंद्र कंडवाल ने बताया कि विभाग की ओर से बहुत जल्द खाद्य सुरक्षा की कसौटी नामक पुस्तक का प्रकाशन किया जाने वाला है जिसमें खाद्य सुरक्षा से जुड़ी तमाम जानकारी उपलब्ध होगी। उन्होंने इस दौरान आसान तरीकों से घर में मिलावट की जांच के लिए किए जाने वाली विधि सहित मिलावट की शिकायत के लिए एफएसएसएआई की ओर से बनाई गई फूड सेफ्टी एप के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोई भी शिकायत फूड सेफ्टी कनेक्ट एप पर दर्ज की जा सकती है। वरिष्ठ पत्रकार सुश्री ज्योत्स्ना ने कहा कि फूड सेफ्टी की जनजागरूकत के लिए महिलाओं पर विशेष ध्यान देना चाहिए। लोग स्वस्थ भोजन के प्रति जागरूक भी हो रहे हैं, इसीलिए आज मिलेट की बात की जा रही है।

वरिष्ठ पत्रकार गजेंद्र नेगी ने भी खाद्य सुरक्षा को लेकर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि हमें संतुलित जीवन अपनाना होगा। पोषक भोजन भी स्वादिष्ट होता है। फूड हैबिट पर ध्यान देना होगा। फूड सेफ्टी विभाग के ढांचे को आज की परिस्थितियों के अनुरूप मजबूत किए जाने की आवश्यकता है। विभाग के खाली पदों को भरने के साथ ही पदों की संख्या को दोगुना किया जाना चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार राकेश खंडूरी ने कहा कि फूड सेफ्टी से संबंधित कानून को और अधिक सख्त किया जाना चाहिए। आम लोगों को ये जानकारी होनी चाहिए कि किन साधारण तरीकों से घर पर ही खाने पीने की चीजों में मिलावट की जांच की जा सकती है।

इस अवसर पर होटल एसोसिएशन की ओर से साहनी, अनिल मारवाह, पीएसआरआई से अनिल सती, सुरेश भट्ट, संजय पांडे, आकाश, वैभव गोयल, मनोज सती, एफडीए से एडिशनल ड्रग कंट्रोलर डॉ सुधीर कुमार, नीरज कुमार, मनीष सयाना, पीसी जोशी, संजय तिवारी, रमेश सिंह, आदि उपस्थित रहे।

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